Sunday, June 15, 2008

ये वही आज तक है !



शर्म आती है आज तक देखकर.यकीन नहीं होता ये वही आज तक हैजिसने खबरों को एक नई पहचान दीथी.ये वही आज तक है जसके बारे में कहा जाता थ, खबर का मतलब आज तक. अब आज तक कामतलब बदल चुका है.ये ऐसा चैनल लगता हैजिस का खबरों से कोई सरोकार नहीं. कुछ दिन पहले अखबारों में आज तक ने विज्ञापन देकर छपवाया था कि जब कोई बड़ी खबर आती है तो लोग आजतक पर सबसे ज्यादा यकीन करते हैं.दावे का आधार टैम के रिपोर्ट को बनाया गया...लेकिन अब शायद वो विज्ञापन आप फिर से अखबारों में देखें तो ये याद कर लीजिएगा कि इसी चैनल ने जयपुर धमाक से सबसे पहले हटा था.बड़ी खबर छोड़कर ये तमाशा दिखाने में जुट गया था. और हैरानी की बात ये कि ये सब उस दौर में हो रहा है जब चैनल के मुखिया नकवी जी जैसे पत्रकार हैं.जिनके बारेमें कहा जाता है कि इन्होंने हिन्दी टीवी पत्रकारिता में कई चीज़ेंशुरु की है.इन्हीं के राज मेचैनल के अंदर कहा जा रहा है कि हर हाल मेंटीआरपी चाहिए.किसी भी तरह.चाहे झूठ दिखाओ या ड्रामा. इंडिया टीवी के नंबर वन बनने के बाद चैनल मेकोहराम मचा है. चैनल नंबर टु पर आने केदर्द में डुबा हुआ थाकि दीपक चौरसिया ने इस्तीफा देदिया और स्टार चले गए.सवाल ये कि क्या ये आजतक का पतन है या फिर बुरे वक्त का एक दौर , जौ चला जाएगा