Wednesday, January 4, 2012

माकपा का छत्तीसगढ़ राज्य सम्मेलन


स्थानीय मुद्दों पर संघर्ष विकसित कर हर स्तर पर ठहराव को तोडऩे का आह्वान

अंबिकापुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का चतुर्थ राज्य सम्मेलन 15 से 17 दिसंबर 2011 को अंबिकापुर में संपन्न हुआ । सम्मेलन ने स्थानीय मुद्दों पर संघर्ष विकसित कर हर स्तर पर ठहराव को तोडने का आव्हान किया । सम्मेलन में केन्द्र व राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष विकसित करने के साथ-साथ पार्टी के विस्तार की योजनाओं को भी अंतिम रूप दिया गया । सम्मेलन के प्रथम दिन अंबिकापुर में कंपनी बाजार मैदान से एक विशाल रैली निकाली गई । यह रैली नगर भ्रमण के पश्चात् कलानिकेतन मैदान में आमसभा में परिवर्तित हो गई, रैली में सैकडों की संख्या में सरगुजा जिले के आदिवासी, महिलायें व किसान शामिल थे । रैली की अगुवाई सरगुजा के आदिवासी नर्तक दल के कलाकार कर रहे थे । आमसभा को संबोधित करते हुये मुख्य वक्ता पार्टी के केन्द्रीय सचिव मंडल सदस्य काम. हन्नान मुल्ला ने केन्द्र व राज्य सरकार के जनविरोधी नीतियों की कडी आलोचना की और कहा कि इन नीतियों की वजह से कृषि की लागत बढ रही है, किसानों को उपज का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है और जय जवान-जय किसान का नारा लगाने वाले देश में किसान आत्महत्या के लिये मजबूर हैं । उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ हो या पूरा देश सरकारी जमीन की कमी नहीं है और कई किसान भूमिहीन है इसलिये भूमिहीनों को यह जमीन बांटी जानी चाहिये और भूमि सुधार कानून को लागू किया जाना चाहिये । उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ एक आदिवासी बहुल राज्य है लेकिन यहां आदिवासी अपने अधिकार से वंचित हैं उन्हें वन अधिकार कानून के तहत् पट्टा भी प्राप्त नहीं हुआ है । राज्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और जनता सरकारी योजनाओं के लाभों से भी वंचित है । उन्होंने वर्तमान केन्द्र सरकार को भ्रष्टतम सरकार की संज्ञा देते हुये कहा कि इस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड को तोड दिये । विशेष अतिथि पार्टी के केन्द्रीय सचिव मंडल सदस्य का. जोगेन्द्र 'शर्मा ने आमसभा को संबोधित करते हुये छत्तीसगढ में आदिवासियों, दलितों पर अत्याचार और रोजगार गारंटी कानून के क्रियान्वयन में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुये रमन सरकार को आडे हाथों लिया । आमसभा को आदिवासी एकता महासभा के महासचिव काम. बाल सिंह, 'पार्टी के सरगुजा जिला सचिव काम. अशोक सिन्हा, सचिव मंडल सदस्य काम. बी. सान्याल व राज्य सचिव काम. एम.के. नंदी ने भी संबोधित किया । इस दौरान पार्टी राज्य सचिव मंडल सदस्य काम. धर्मराज महापात्र, का. वकील भारती, का. संजय पराते, का. जे.एस.सोढी भी उपस्थित थे । इस आमसभा की अध्यक्षता राज्य सचिव मंडल सदस्य व सरगुजा जिला सचिव काम. अशोक सिन्हा ने किया ।

पार्टी राज्य समिति के सदस्य व वयोवृद्ध आदिवासी नेता काम. रूपधर ध्रुव ने पार्टी का झंडा फहराकर सम्मेलन के विधिवत शुरूआत की । इसके पश्चात् शहीद बेदी पर अतिथियों व प्रतिनिधियों द्वारा पुष्प अर्पित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई । सम्मेलन का विधिवत् उद्घाटन करते हुये मुख्य अतिथि केन्द्रीय सचिव मंडल सदस्य काम. हन्नान मुल्ला ने प्रदेश में पार्टी के विस्तार की संभावनाओं के अनुरूप पार्टी संगठन व जन संगठन की कार्यप्रणाली में बदलाव का आव्हान किया । उन्होंने शाखाओं को सक्रिय करने के साथ-साथ प्रत्येक पार्टी सदस्यों को सक्रिय बनाने उन्हें शिक्षित करने व नये पूर्णकालिक कार्यकर्ता विकसित करने व उनकी देखभाल के लिये उचित इंतजाम करने योजनाबद्ध पहल का आव्हान किया । इसके बाद राज्य समिति की ओर से काम. एम.के. नंदी ने राजनैतिक, सांगठनिक रिपोर्ट पेश किया जिस पर 61 साथियों ने अपने विचार रखे । सम्मेलन में समापन उद्बोधन देते हुये पार्टी के केन्द्रीय सचिव मंडल सदस्य काम. जोगेन्द्र शर्मा ने पार्टी सदस्यता व जनसंगठनों की सदस्यता में ठहराव तोडने का आव्हान करते हुये 'शाखाओं को सक्रिय करने, प्रत्येक पार्टी सदस्य को जनसंगठनों की जवाबदारी देने, कमेटी के सदस्यों के मध्य उचित कार्यविभाजन किये जाने तथा स्थानीय मुद्दों पर समस्या के समाधान तक निरंतर संघर्ष चलाने पर जोर दिया । सम्मेलन में विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश में स्थानीय मुद्दों को लेकर संघर्ष विकसित किया जायेगा, अनुसूचित जाति तथा जनजाति व महिलाओं पर अन्याय तथा जातिगत व सांप्रदायिक घृणा के खिलाफ संघर्ष विकसित किया जायेगा । प्रदेश में वामपंथी व जनवादी ताकतों को मजबूत बनाया 'जायेगा, भूमि के सवाल पर गरीब किसानों, रोजगार के मुद्दे पर युवाओं व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को संगठित करने तथा रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सडक जैसे सवालों के साथ-साथ रोजगार गारंटी योजना व वनाधिकार कानून के क्रियान्वयन को लेकर संघर्ष विकसित किया जायेगा । सम्मेलन में आदिवासी, दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के उत्पीडन के खिलाफ, उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ, केन्द्र व राज्य सरकार के जनविरोधी नीतियों के खिलाफ, वामपंथ पर हमले के खिलाफ 28 फरवरी, 2012 के राष्ट्रव्यापी हडताल को सफल बनाने व जनजाति की अनुसूची में विसंगति दूर कर सरगुजा, बलरामपुर व सूरजपुर जिले में भू राजस्व संहिता की धारा 165 की उपधारा 6 के अंतर्गत अनुसूची में क्रमांक 32 में नगेसिया के पश्चात् उसमें संशोधन कर नगेसिया किसान जोडने पहल किये जाने की मांग का प्रस्ताव पारित करते हुये इन मुद्दों पर सतत् संघर्ष संगठित करने का आव्हान किया । सम्मेलन में छात्र-युवा मोर्चा, किसान मोर्चा व टेऊड यूनियन मोर्चे की सदस्यता में बढ़ोतरी के साथ-साथ पार्टी के केन्द्रीय मुखपत्र की संख्या में भी बढोतरी तथा हर स्तर पर शिक्षण शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया । सम्मेलन में सर्वसम्मति से 22 सदस्यीय नई राज्य समिति जिसमें काम. एम.के.नंदी, का. बी.सान्याल, का.संजय पराते, का. धर्मराज महापात्र, वकील भारती, जे.एस.सोढी, अशोक सिन्हा, ए.के.लाल, एम.के.चंदा, लल्लन सोनी, आर. भारती, एस.एन.बैनर्जी, बासुदेव दास, बाल सिंग, रूपधर ध्रुव, एस.आर. नंदी, ऋषि गुप्ता, सपूरन कुलदीप, शांत कुमार, नजीब कुरैशी का चुनाव किया । नई राज्य समिति ने अपनी पहली बैठक में काम. एम.के. नंदी को नया राज्य सचिव चुना। राज्य समिति ने निर्णय लिया कि आगामी बैठक में सचिव मंडल का निर्वाचन किया जायेगा तथा तब तक निवृत्तमान सचिवमंडल कार्य करता रहेगा । सम्मेलन में पार्टी के अखिल भारतीय कांग्रेस के लिये सर्वसम्मति से 4 प्रतिनिधियों का. एम.के. नंदी, का. बी.सान्याल, का. धर्मराज महापात्र तथा काम. बाल सिंग व वैकल्पिक प्रतिनिधि के रूप में काम. धान बाई, का. एम.के. चंदा व का. गजेन्द्र झा चुने गये । राज्य समिति में 1 स्थान बिलासपुर तथा 1 अन्य के लिये रिक्त रखा गया ।

धर्मराज महापात्र की रिपोर्ट

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