Saturday, August 22, 2009

सच की सनक के लिए कितनों की बलि



दिन बुधवार। तमाम खबरें। इन खबरों के बीच आई एक खबर। इस खबर ने सहसा ही सबका ध्यान खींच लिया। खबर थी मेरठ की। टीवी शो सच का सामना से जुड़ी। सच का सामना से प्रेरित होकर एक पति राजेश ने अपनी पत्नी आशा की गर्दन में ब्लेड मार दिया। इरादा था जान से मारने का। पर आशा की किस्मत तेज़ थी। वो बच गई। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में पति गिरफ्तार हो गया। गिरफ्तारी के बाद उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। अपने किए पर उसे ज़रा भी पछतावा नहीं था।
इस खौफनाक घटना के पीछे था। सच जानने की सनक। जो राजेश में सच का सामना देखने के बाद सवार हुआ। राजेश के साले का आरोप था कि जब से राजेश ने सच का सामना देखना शुरू किया। उसने उलजूलूल हरकतें शुरू कर दीं। वारदात को राजेश ने पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया। उसे इस प्लान का आइडिया स्टार प्लस के शो सच का सामना से आया। वारदात के दिन राजेश बदला-बदला सा था। वो अपनी पत्नी को घुमाने के लिए पास की नहर के पास ले गया। वहां ले जाकर उसने बड़े प्यार से आशा के सामने सच का सामना की तर्ज पर एक गेम खेलने का प्रस्ताव रखा। जिसके मुताबिक राजेश राजीव खंडेलवाल की तरह सवाल पुछने थे और बीवी को उन सवालों का सही-सही जवाब देना था। बीवी ने साफ तौर से इसे खेलने से इंकार कर दिया। लेकिन राजेश के सिर पर सच की सनक सवार थी। उसे हर हाल में अपनी बीवी से सच जानना था। उसने मान मनोव्वल, इमोशनल ब्लैकमेलिंग, बच्चों का वास्ता देकर अपनी बीवी को सवालों के कटघरे में खड़े होने के लिए तैयार कर लिया। उसने आशा को यकीन दिला दिला कि सच कितना भी कड़वा हो, उनके रिश्तों पर इसका ज़रा भी असर नहीं पडेगा। पति की बातों पर यकीन करके आशा सवालों का जवाब देने को तैयार हो गई।
गेम शो की तरह राजेश ने शुरूआत हल्के फुल्के सवालों से की लेकिन उसके मन में कुछ और ही चल रहा था। सवाल कठिन होते गए। और आखिरकार वो सवाल आ ही गया । जिसके लिए राजेश ने ये पूरी भूमिका तैयार की थी। राजेश ने आशा से पुछा कि क्या उसके जिस्मानी ताल्लुकात उसके अलावा किसी और मर्द से रहे हैं। आशा इस सवाल को सुनकर अकचका गई। हालात की नज़ाकत को भांपते हुए राजेश ने अपनी पत्नी आशा को फिर यकीन दिलाया कि इस सवाल का जवाब हां होने पर भी उनके रिश्तों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। आशा ने न चाहते हुए भी अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा राज़ खोल दिया। उसने मान लिया कि उसके ताल्लुकात किसी और मर्द से रहे हैं। लेकिन राजेश को कुछ और भी जानना था। उसने पुछा कि उनके दोनों बच्चों का असली बाप कौन है। आशा ने राज़ तो खोल ही दिया था। उसने बता दिया कि एक का बाप वो नहीं है। ये जबाव सुनते ही राजेश आपे से बाहर हो गया। उसने फौरन एक ब्लेड निकाली और आशा के गर्दन पर वार करके उसने मरने के छोड़कर चला आया। लेकिन इस बीच वहां कुछ लोगों ने तड़पती आशा को देख लिया और उसे सही समय पर रिक्शे में लादकर अस्पताल पहुंचा दिया।
गिरफ्तार होने के बाद राजेश के मन में कोई पछतावा नहीं था। वो बस रोए जा रहा था। बार-बार एक ही बात कह रहा था। “मैं जीना नहीं चाहता”। दरअसल,वो अपने विश्वास के टुटने से ये बुरी तरह बिखर चुका था। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जिस पत्नी पर उसने ऐतबार किया उसने इतना बड़ा धोखा किया। जिस बेटे को उसने अपना समझा वो किसी और का निकला।
एक हफ्ते के भीतर ये दूसरा मामला था जब गेम शो की वजह से दर्शकों के बीच किसी की ज़िदगी खतरे में पड़ी हो । इस वारदात से करीब एक हफ्ते पहले नोएडा के रहने वाले एक युवक पर कुछ ऐसी ही सनक सवार हुई थी सच जानने की । गेम शो देखने के बाद उसने रात को अपनी पत्नी के साथ सच का सामना खेलने की जिद की। उसने भी वही दलीलें दी जो राजेश ने दी थी लेकिन जब उसकी पत्नी ने अपनी ज़िदगी का सारा सच खोलकर रखा। तो सच का ये सदमा वो पति बर्दाश्त नहीं कर पाया और रात को फांसी लगाकर उसने खुदकुशी कर ली। सच का सामना एक हंसते खेलते परिवार को तबाह कर दिया।
ये दो घटनाएं उन दर्शकों के साथ हुई। जिन्होंने इस शो को देखा। जो इस शो में भाग लेते हैं उनके साथ क्या होता होगा। अंदाज़ा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। बड़ी हैरानी की बात है कि इसे लेकर तमाम विरोध के बावजूद सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सच का सामना को बंद करने की मांग संसद में भी उठ चुकी है सरकार ने नोटिस भी जारी किया लेकिन इसके बाद क्या हुआ किसी को कुछ नहीं पता। शो की टाइमिंग चेंज कर दी गई ताकि बच्चे उसे न देखें लेकिन टुटते रिश्तों के इस दौर में इस रिश्तातोड़ु शो के असर से परिवार को कैसे बचाया जाए। इसका मुक्कमल इंतज़ाम अभी तक नहीं हुआ। आखिर कब जागेगी सरकार और ये समझेगी कि तमान सनसनीखेज़ मसालेदार मनोरंजन से ज्यादा कीमती किसी की जान होती है। ये हिंदुस्तान है। 5 हजार साल पुराना हिंदुस्तान। इतनी पुरानी सभ्यता दुनिया में कहीं और नहीं। वो भी इसलिए क्योंकि हमने अपनी सभ्यताओं और परंपराओं को अपने घर की चाहरदीवारी में अपने परिवारों में संजोए ऱखा। अब खतरा उसी पर मंडरा रहा है।
हैरानी की बात है कि धर्म और संस्कृति के तथाकथित ठेकेदार इस शो के खिलाफ खामोश हैं। वेलेंटाइन डे को अपनी संस्कृति पर हमला बताने वाले तब इसके विरोध में एक शब्द तक नहीं बोल रहे, तब जबकि वाकई हमारी संस्कृति पर खतरा है । जाहिर है उनके लिए धर्म और संस्कृति हथियार हैं इसका इस्तेमाल वो तभी करते हैं जब इसका उन्हें राजनीतिक फायदा दिखता है।

5 comments:

. said...

किस 14 साल पुराने रिश्ते के टूटने की बात आप कर रहे है.....उसकी जिसकी नीव विश्वास पर रखी गई हो...या फिर यूं भारतीय समाज के अनुसार कहूं कि विवाह एक आस्था है...लेकिन यहां तो पत्नि ने ना सिर्फ अपने पति को दोखा दिया बलकि शादी के बाद अपनी इच्छापूर्ति के लिए दूसरे से संबंध बनाए....क्या यह ठीक था.... हो सकता है कि उसके पति को यह बात मालूम हो लेकिन किसी सबूत या जानकारी के अभाव में वह कुछ ना कहता हो...ऐसे में जब सच पत्नि ने कबूल ही कर लिया तो 14 साल पुराने रिश्तों को तोडने का श्रय किसका होगा...

Unknown said...

dekho sabhi bhaiyo ye sach hai ki hum kahai na kahi jo sach hai uska sak rahta hai ki ye sab ho sakta hai vo har kisi pati or patni ko hota hai lekin yakin nahi rahta kisis ko hame kya malum ki saddi ke pahle kya tha lekin saddi ke baad sub accha rahe ye hona chaiye
,app log hi batye kya saddi ke pahle ka sach sabko malum hai agar malum ho or sacche dil se ye batt batye ,or agar nahi malum to y6e jindgi visvas par chalti hai ye sabko malum hai islieye is pagalpan ke khel se sacha ka samna se is visvas ko mat khatam karo jo pati ya patni apne purane sab kammo ko ya jo kuch ho bhi na fir bhi jo jindgi naye sire se suru kar chuka ya chuki ho uske uper visvas mat khatam karo or ye pagalpan sacha ka samna par kisi bhi tarah se rok lage
yah polz sarkar ko karna chaiye agar yah nahi hua to kai parivar tabah ho jayege

Kulwant Happy said...

जानकारी भरपूर था..लेख आपका...

Udan Tashtari said...

एक महा वाहियात खेल..इसे बन्द कर दिया जाना चाहिये टीवी पर.

vallabh said...

Agreed with Udan Tashtari (Sameer Jee)All such programs should be banned.